बिछड़ते दोस्तों के नाम
यादों की माला के मनके खोते जाएंगे,
हम खुद से हर रोज़ बेगाने होते जाएंगे।
मिलना जुलना, हंसना रोना, दुनिया भर के हिज्जे,
रफ्ता रफ्ता सब अफ़साने होते जाएंगे।
"आते हैं उस तरफ कभी तो तुमसे मिलते हैं",
न मिलने के यूँही बहाने होते जाएंगे।
इंक़लाब की बू है अब पुर-कैफ हवाओं में,
बेवजह ही लोग दीवाने होते जाएंगे।
भिंची मुट्ठियों, उठे कदम, लहराती बाहों से,
बिछड़े साथी का हम साथ निभाते जाएंगे।
गले नही लगते हैं, अब बस हाथ मिलाते हैं,
यार अभागा सभी सयाने होते जाएंगे।
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