करवाचौथ
अंधश्रद्धा को बताया प्यार उसने,
खेल जादू का दिखाया यार उसने।
चाँद को देखा तभी एक कौर निगला,
कर लिया यूँ उम्र का व्यापार उसने।
साथ में भूखा रहा वो आदमी कल,
नारी जाति का किया उद्धार उसने।
वो बहू अच्छी रही होगी 'अभागा',
सह लिया चुप रूढ़ियों का भार उसने।
खेल जादू का दिखाया यार उसने।
चाँद को देखा तभी एक कौर निगला,
कर लिया यूँ उम्र का व्यापार उसने।
साथ में भूखा रहा वो आदमी कल,
नारी जाति का किया उद्धार उसने।
वो बहू अच्छी रही होगी 'अभागा',
सह लिया चुप रूढ़ियों का भार उसने।
Comments
Nice!
Thiet Ke Nha Dep