मुलाकात
दो दिन का तेरा मिलना जाने क्या क्या रंग दिखलायेगा,
मिलने की होगी खुशी या ग़म जाने का तेरे सतायेगा।
जो दूर हटा तो मन बांहों मे भरने को ललचायेगा।
यूं तो मुझको पर्याप्त नही जीवन भर भी तेरा मिलना,
और यूं दो पल का मिलना भी दिल गांठ बांध इतरायेगा।
बरसों फ़ैले बंजर मे ये दो कदमों का फ़िरदौस सनम,
आंखों मे भर दिल बंजारा, हंसकर आगे बड जायेगा।
हम साथ तेरे फ़िर से जो दिल की बंद पोटअलिया खोलेंगे,
कुछ लाद सकेंगे साथ और कुछ वहीं धरा रह जायेगा।
दिल का ना पूछो हाल, अभागा पगला है, दीवाना है,
दो दिन को धडकेगा फ़िर वापस ढर्रे पर आ जायेगा।
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-APS