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मौसम

लम्बा शेर लिखोगे तो पछताओगे, सुनो 'अभागा' ट्वीट नहीं कर पाओगे। तेज़ हवा है, आग भड़कने वाली है, अंदर बाहर कहीं रहो जल जाओगे। पैने शब्दों की फसलों के मौसम में, हर ज़बान से लहू टपकता पाओगे। देशभक्ति के नए बने पैमाने पर, मुंह खोला तो तुम भी तौले जाओगे।